Friday, October 12, 2007

Lens, Aperture and Shutter - लेंस, एपरचर तथा शटर



विभिन्न प्रकार के विषयों की हर तरह के प्रकाश मे फोटोग्राफी करने के लिये कैसे कैमरे की आवश्यकता होती है ? इस प्रश्न का उत्तर  यही है कि कैमरा तकनीकी तौर पर दुरुस्त होना चाहिये। किसी कैमरे की दक्षता मुख्यतः दो चीजों पर आधारित होती है, लेंस तथा शटर

१. लेंस (Lens): लेंस एक गोलाकार कांच का टुकड़ा होता है, जिसका मध्य भाग उभरा हुआ तथा किनारा पतला होता है (उभयोत्तल लेंस)। लेंस मे प्रकाश की किरणों को एकाग्र करने का गुण होता है। प्रकाश की किरणें लेंस से गुजरकर दूसरी ओर एक बिन्दु पर एकाग्र होती हैं। लेंस के इसी गुण के कारण प्रतिबिम्ब बनता है।

जिस लेंस से अधिक से अधिक प्रकाश कैमरे तक पहुँचता है, वह लेंस अधिक शक्तिशाली कहलाता है। कैमरों मे प्रकाश की तीव्रता का अनुकूलन (Adjustment)  डायफ़्राम (Diaphragm) अथवा स्टॉप (Stop size) द्वारा किया जाता है। इसे ही एपरचर भी कहते हैं।

किसी लेंसे की गति (Speed)  उसके अधिकतम स्टॉप साइज अथवा एफ़ ('f') नम्बर से जानी जाती है।

     

अत: 'एफ' नम्बर डायफ्रम के व्यास को बढ़ाने से उसके वर्ग के अनुपात से घटता है और उसके नाभ्यन्तर (Focus length)  को बढा़ने से उसके वर्ग के अनुपात मे बढ़ता है।

                      

एक 'f/8' लेंस उसे कहते हैं, जिसका व्यास (वक्रता त्रिज्या x 2) उसके नाभ्यान्तर का १/८ (one-eighth) हो। इसी प्रकार  'f/3.5' वह लेंस है, जिसका व्यास इसके नाभ्यान्तर का १/३.५ हो। अतः '' नम्बर जितना कम होगा लेंस उतना ही शक्ति वाला होगा।

f/8 लेंस तथा फ़/२ लेंस की गति की तुलना बहुत सरलता से की जा सकती है:

८x८/२x२ = ६४/४ = १६/१

इस प्रकार, 'f/८' की अपेक्षा 'f/२' लेंस १६ गुणा तेज है, इसी प्रकार 'f/३.५' की अपेक्षा फ़/२ लेंस लगभग ३ गुणा और 'f/६/३' की अपेक्षा 'f/४.५' दो गुना तथा 'सिंगल लेंस' (जिसकी फोकस दूरी उसकी वक्रता-त्रिज्या की दुगुनी हो) की अपेक्षा 'f/६.३' चार गुना तेज होता है।

1 comment:

उन्मुक्त said...

अच्छी सूचना है। हिन्दी में और भी लिखिये।